झारखंड में पिछले दो महीनों से ब्रांडेड शराब की आपूर्ति लगभग पूरी तरह से ठप है। शराब कंपनियों का आरोप है कि झारखंड स्टेट बेवरेजेस कॉरपोरेशन लिमिटेड यानी जेएसबीसीएल ( jsbcl )पर उनका लगभग 500 करोड़ रुपये का बकाया है।
इसी के चलते कंपनियों ने सप्लाई रोक दी है, और इसका सीधा असर राज्य की शराब दुकानों और बार पर पड़ा है।
बीते एक सप्ताह से खुदरा शराब दुकानों में हैंडओवर-टेकओवर की प्रक्रिया भी जारी है, जिसके चलते कई दुकानें बंद पड़ी हैं। इस कारण बार संचालकों को शराब नहीं मिल रही और वे पुराने स्टॉक के सहारे जैसे-तैसे काम चला रहे हैं।

बार संचालकों का कहना है कि वे हर साल लाखों रुपये फीस और सिक्योरिटी के तौर पर जमा करते हैं —
नगर निगम क्षेत्र में 9 लाख, और बाहर के इलाकों में 6 लाख रुपये।
लेकिन अब जब बिक्री ही नहीं हो पा रही, तो उनकी आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो गई है।
जेएसबीसीएल ( jsbcl )के गोदामों में नई आपूर्ति जल्द होने की उम्मीद है।
आपको बता दें कि जेएसबीसीएल ( jsbcl )में महाप्रबंधक वित्त का पद 21 मई से खाली था, क्योंकि तत्कालीन अधिकारी सुधीर दास को शराब घोटाले में गिरफ्तार किया गया था। अब प्रेम मेहरा को इस पद का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
उत्पाद आयुक्त ने शराब कंपनियों को बकाया चुकाने का आश्वासन दिया है और उम्मीद है कि अगले एक-दो दिनों में भुगतान पूरा कर दिया जाएगा। कंपनियों से भी अनुरोध किया गया है कि वे आपूर्ति जल्द शुरू करें ताकि शराब संकट खत्म हो और राज्य के राजस्व में भी सुधार हो सके।
आपको बता दें, मई 2022 में लागू हुई नई उत्पाद नीति के तहत अब बार संचालकों को शराब खुदरा दुकानों से ही लेनी होती है, जबकि पहले वे सीधे जेएसबीसीएल के गोदाम से ले सकते थे।
झारखंड में इस समय 243 लाइसेंसी बार हैं, जिनमें सबसे अधिक बार रांची, जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो और देवघर में हैं। लेकिन खुदरा दुकानों के बंद होने से अब इन सभी जगहों पर शराब की आपूर्ति ठप पड़ी है।
