डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय (डीएसपीएमयू), रांची में मंगलवार को आदिवासी छात्र संघ (Adivasi Chatra Sangh – ACS) की ओर से एक हस्ताक्षर अभियान चलाया गया।
अभियान का नेतृत्व एसीएस यूनिट अध्यक्ष विवेक तिर्की ने किया।

इस अभियान का उद्देश्य झारखंड सरकार और कल्याण विभाग का ध्यान इस ओर दिलाना था कि ई-कल्याण छात्रवृत्ति (E-Kalyan Scholarship) सत्र 2023–2024 और 2024–2025 के लिए अब तक विश्वविद्यालय के हजारों पात्र छात्रों को नहीं मिल पाई है।
छात्रों का कहना है कि छात्रवृत्ति में लगातार हो रही देरी से वे आर्थिक संकट झेल रहे हैं और उनकी पढ़ाई एवं भविष्य दोनों प्रभावित हो रहे हैं।
अभियान में 1500 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया और सरकार से जल्द से जल्द छात्रवृत्ति की राशि जारी करने की मांग की।
छात्रों ने बताया कि पिछले दो वर्षों से ई-कल्याण पोर्टल पर आवेदन करने के बावजूद उन्हें कोई भुगतान नहीं मिला है।
इस वजह से कई छात्रों की फीस बकाया है और उन्हें परीक्षा फॉर्म भरने एवं हॉस्टल शुल्क जमा करने में दिक्कतें आ रही हैं।
एसीएस यूनिट अध्यक्ष विवेक तिर्की ने कहा कि

“झारखंड के गरीब और आदिवासी छात्र अपनी शिक्षा के लिए पूरी तरह से कल्याण विभाग की छात्रवृत्ति पर निर्भर हैं।
लगातार दो वर्षों से छात्रवृत्ति का वितरण लंबित है। यदि सरकार ने जल्द राहत नहीं दी, तो एसीएस राज्यभर में व्यापक आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा।”
उन्होंने आगे कहा कि आदिवासी छात्र संघ हमेशा छात्रों के अधिकारों के लिए आवाज उठाता आया है और यह संघर्ष आगे भी जारी रहेगा।
संघ आने वाले दिनों में विश्वविद्यालय प्रशासन से लेकर कल्याण मंत्री तक ज्ञापन सौंपने और राज्यभर के विश्वविद्यालयों में आंदोलन करने की योजना बना रहा है।
कार्यक्रम में एसीएस के कई पदाधिकारी, विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि और स्वयंसेवक मौजूद रहे।
सभी ने एक स्वर में कहा कि छात्रवृत्ति वितरण में हो रही देरी विद्यार्थियों के भविष्य के साथ अन्याय है और सरकार को तुरंत इस दिशा में ठोस कदम उठाना चाहिए।
अभियान के अंत में छात्रों ने नारे लगाए —
“E-Kalyan Scholarship जारी करो!”, “गरीब छात्रों के साथ अन्याय बंद करो!” और “शिक्षा हमारा अधिकार है!”
