राजा नहीं, संविधान से चलता है देश, किसानों के रांची महापड़ाव में बोले राजा राम सिंह

रांची : कोई देश किसी राजा से नहीं, बल्कि वहां के संविधान से चलता है। राज्य हो या केंद्र की सरकार, उसे इस सच्चाई को जानना चाहिये। ये बातें संयुक्त किसान मोर्चा के झारखंड प्रभारी और अखिल भारतीय किसान महासभा राष्ट्रीय महासचिव राजा राम सिंह ने कही। वे राजभवन के समक्ष किसान मजदूरों के महापड़ाव कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। सिंह ने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों और मजदूरों से जो वायदा किया था उसे भूल गयी। किसानों को न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी मिली और ना ही किसानों पर गाड़ी चढ़ाकर हत्या करने वाले अजय मिश्रा की गिरफ्तारी हुई। बिजली संशोधन बिल की वापसी नहीं हुई, दूसरी तरफ मजदूरों के श्रम कानूनों को खत्म कर उनके आधिकारों पर हमले किये गये। इसी के खिलाफ पूरे देश में किसान मजदूरों का महापड़ाव कार्यक्रम यानी आंदोलन शुरू किया गया है।

ऐक्टू के प्रदेश महासचिव शुभेंदु सेन ने किया संबोधित, उन्होंने आगे कहा कि किसान केवल अन्नदाता नहीं सरकार भी बनाते हैं। हम देश का कानून भी बनाएंगे। मजदूरों और किसनों के खिलाफ कोई कानून जो देश हित में नहीं हो, वह देश में नहीं चलेगा। अगर किसान अनाज नहीं उगाएगें, अनाज की खरीद सरकारी स्तर पर नहीं होगी, तो पीडीएस से लेकर आंगनबाड़ी और मिड डे मील में बच्चों का आहार तक बंद हो सकता है। वहीं, ऐक्टू के प्रदेश महासचिव शुभेंदु सेन ने कहा कि देश की संपतियों को निजी हाथों में बेचना राष्ट्रभक्ति नहीं बल्कि देश के साथ गद्दारी है। सभी श्रम कानूनों को खत्म कर श्रम संहिता के द्वारा मजदूरों को गुलाम बनाने की कोशिश की जा रही है। अमीरों की टैक्स माफ़ी और गरीबों से बटमारी नहीं चलेगी। जो पार्टी किसान मजदूर हित की करेगी, वही देश पर राज करेगी।

कार्यक्रम में इनकी रही भागीदारी, राजभवन के समक्ष आयोजित मजदूर किसान महापड़ाव कार्यक्रम को किसान महासभा के महासचिव और पूर्व विधायक राजकुमार यादव, ऐक्टू के अध्यक्ष बैजनाथ मिस्त्री, किसान महासभा के नेता पुरन महतो, मज़दूर नेता विकास, स्कीम वर्कर फेडरेशन की नेता गीता मण्डल, किसान महासभा के बिमल दास, एचएमएस के अवधेश सिंह, अनिता देवी, परमेश्वर महतो, किसान सभा के केडी सिंह, सीटू के उपाध्यक्ष प्रकाश विप्लोव, विश्वजीत देव, एटक नेता अशोक यादव, इंटक के संजीव कुमार सिन्हा, सुफल महतो, भीम साहू, महेश कुमार सिंह, हरि प्रसाद पप्पू, सुरजीत सिन्हा, त्रिलोकी कुमार, प्रफुल लिंडा, हीरा गोप, अमल घोष, आदि ने भी संबोधित किया।

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