एनआईटी में एडमिशन लेने वाली,तमिलनाडु की पहली आदिवासी छात्रा बनी रोहिणी

Inspiring news: तमिलनाडु की 18 साल की एक आदिवासी लड़की ने एनआईटी में प्रवेश लेकर इतिहास रचा है. तिरुचिरापल्ली जिले की रहने वाली रोहिणी एनआईटी में एडमिशन लेने वाली तमिलनाडु की पहली आदिवासी हैं. बेटी की इस उपलब्धि से उनके दिहाड़ी मजदूर पिता गर्व से फूले नहीं समा रहे हैं.

रोहिणी ने जेईई मेन 2024 में 73.8% अंक हासिल किए हैं. उन्हें एनआईटी त्रिची में बीटेक की केमिकल इंजीनियरिंग ब्रांच मिली है. रोहिणी ने एडमिशन मिलने के बाद मदद करने वाले शिक्षकों और तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन को भी धन्यवाद दिया. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने उन्हें फीस भरने में मदद की थी.

रोहिणी ने एएनआई से बात करते हुए बताया कि उनकी पढ़ाई एक आदिवासी सरकारी स्कूल में हुई है. उन्होंने कहा कि मैंने जेईई परीक्षा में अच्छा परफॉर्म किया क्योंकि मेरे हेडमास्टर ने और स्कूल स्टाफ ने हमेशा मदद की. साथ ही राज्य सरकार ने फीस जमा करने के लिए मदद का हाथ बढ़ाया.

दिहाड़ी मजदूर हैं माता-पिता 

रोहिणी की सफलता इसलिए खास और अलग है क्योंकि वह एक वंचित परिस्थितियों से आती हैं. तिरुचिरापल्ली जिले के इन्ना इलूपुर गांव की रहने वाली रोहिणी के माता-पिता दिहाड़ी मजदूर हैं. अपने रोजाना संघर्ष के बारे में बात करते हुए कहा कि उन्हें परीक्षा की तैयारी के साथ-साथ दिहाड़ी मजदूर के रूप में भी काम करना पड़ा था.

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