2 फरवरी 1975 को एक घटना घटी जिस ने साबित कर दिया कि शक्तिनाथ महतो कितने बहादुर थे

पहली पीढ़ी गोली खायेगी
दूसरी पीढ़ी जेल जायेगी और तीसरी पीढ़ी राज करेगी ।
ऐसी क्रांतिकारी बोल झारखंड के एक क्रांतिकारी की है । जिनके नाम से माफिया कापते थे । जिनका नाम सुनकर सूदखोर भाग जाया करते थे
हम बात कर रहे है झारखंड आंदोलनकारी शाहिद शक्तिनाथ महतो की

शक्ति नाथ महतो का जन्म 2 अगस्त 1948 को तेतुलमारी में हुआ । पिता का नाम-गणेश महतो और माता का नाम सधुवा देवी थी । घर का बड़ा बेटा थे । जोगता उच्च विद्यालय से पढ़ाई की, पढ़ाई के बाद का समय खेत-खलियान में बिताता था । हाई स्कूल की पढ़ाई के बाद उन्होंने I.T.I. धनबाद में नामांकन कराया और फिटर ट्रेड लिया, I.T.I. से ही शक्तिनाथ महतो का रास्ता अलग हो गया संस्थान के कुछ बाहुबली छात्रों के अन्नाय के खिलाफ बिगुल फूंका था । I.T.I. के पास करने के बाद कुमारडूबी में प्रशिक्षण लिया फिर मुनिडीह प्रोजेक्ट में फिटर के पद पर नौकरी मिल गया ।

कारीटाँड में एक बैठक रखी गई थी इस बैठक में रात हो गई थी इसी दौरान शक्तिनाथ महतो की हत्या की योजना उनके दुश्मनों ने कर ली थी । लेकिन सौभाग्य से शक्तिनाथ महतो उस रात गांव में ही रुक गए थे । इसके तीनों साथी बिरजू महतो,हरिपद महतो और बीरबल महतो को दुश्मनों ने हत्या कर दी

2 फरवरी 1975 को एक घटना घटी जिस ने साबित कर दिया कि शक्तिनाथ महतो कितने बहादुर थे । तेतुलमारी में सभा की तैयारी चल रही थी । जोगता कोलयोरी और मोनीडीह कोलियरी के मजदूरों की भीड़ थी । ऐoकेo राय आने वाले थे की अचानाक उसी समय घोषणा की गई कि बैठक को रद्द कर दिया जाय । इसके बावजूद भी शक्तिनाथ महतो ने मजदूरों को संबोधित किया फिर वह घर लौटने लगे । जब वे लोग सेंदरा नदी के पास थे कि विस्फोट की आवाज सुनाई पड़ी सभी लोग उधर भागे गांव का हाल बहुत बुरा था । गांव पर हमला हुआ था हमलावर घातक हथियारों से लैस थे । सिजुआ स्टेशन से सेंदरा नदी तक का क्षेत्र रनक्षेत्र में बदल गया था । उसी समय शक्तिनाथ महतो के भाई कमल महतो को गोली लगी थी, फिर भी बिना घबराए शक्तिनाथ महतो ने हमलावरों के साथ मुकाबला किया । अंतत हमलावरों को वापस लौटना पड़ा । 28 नवंबर 1977 को पूरा कोयलांचल काला दिन के रूप में याद करते हैं 10 बजकर 10 मिनट को बम और गोली मारकर हत्या कर दी । दुःखद खबर सुनते ही पूरा कोयलांचलवाशी के आँख गमगीन कर अंतिम विदाई लिए । हर साल 28 नवंबर को सिजुआ में शाहिद स्थल पर मेला लगता है जिसमें पूरे कोयलांचल से लोग आते हैं और💐💐पुष्पांजलि💐💐 देकर याद करते हैं ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *