10 लाख के इनामी नक्सली रामदयाल महतो उर्फ़ बच्चन दा ने एनआइए के समक्ष किया सरेंडर, पुलिस ने ली राहत की सांस

गिरिडीह : पिछले कई वर्षो से नक्सली संगठन में जुड़ कर 50 से अधिक नक्सली घटनाओं को अंजाम देकर पुलिस के लिए सिरदर्द बने हुए कुख्यात व नक्सली संगठन में ज़ोनल कमिटी मेंबर 10 लाख के इनामी नक्सली रामदयाल महतो उर्फ़ बच्चन दा ने आखिरखार अपने आप को एनआईए के समक्ष सरेंडर कर दिया है. रामदयाल महतो उर्फ़ बच्चन दा गिरिडीह जिले के पिरटांड थाना क्षेत्र के पिपराडीह का रहने वाला है. रामदयाल महतो की तलाश गिरिडीह पुलिस लम्बे समय से कर रही थी. 15 लाख के इनामी नक्सली कृष्णा हांसदा की गिफ्तारी के बाद रामदयाल ने गिरिडीह में नक्सली संगठन को सँभालने का काम कर रहा था. रामदयाल महतो उर्फ़ बच्चन दा का आतंक न सिर्फ गिरिडीह जिले में था बल्कि आस – पास के जिले में भी इसका खौफ लम्बे समय से बरकरार था. लेकिन पिछले कुछ वर्षो से रामदयाल महतो की तबियत ठीक नहीं थी और वह अलग – अलग बिमारियों से ग्रसित था और पुलिस से छिप – छिप कर झोलाझाप डॉक्टरों से इलाज करवा रहा था.
पुलिस ने कई बार इसकी गिरफ्तारी के लिए जाल बिछाया था लेकिन हर बार यह पुलिस को चकमा देकर भाग निकलता था. लेकिन कुछ ही दिन पूर्व गिरिडीह के एसपी दीपक कुमार शर्मा पूरी टीम के साथ नक्सली रामदयाल महतो के अलावे अन्य कई नक्सलियों के गांव पहुंच कर उनके परिजनों से मिलकर फरार चल रहे नक्सलियों को मुख्यधारा से जुड़कर सरकार की आत्मसमर्पण नीति के तहत सरेंडर करने की अपील की थी. इसके कुछ ही दिनों बाद 10 लाख के इनामी नक्सली रामदयाल महतो ने एनआईए के समक्ष सरेंडर कर दिया है. हालांकि अभी इस मामले में कोई भी पुलिस पदाधिकारी कुछ भी बताने को तैयार नहीं है. लेकिन पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी रामदयाल ने एनआईए के समक्ष सरेंडर कर दिया है.

जिसके बाद एनआईए की टीम लगातार रामदयाल से पूछताछ कर रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रामदयाल महतो से पूछताछ के बाद एनआईए को नक्सली संगठन से सम्बंधित अन्य कई महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल हुई है जिसके बाद टीम आगे की रणनीति बनाने में जुट गयी है. गौरतलब रहे की गिरिडीह जिले का पारसनाथ पर्वत नक्सली संगठन का गढ़ रहा है और इसी पहाड़ी में कई नक्सलियों ने अपना ठिकाना बना लिया है. अब भी नक्सली संगठन की बैठकों का आयोजन इसी पारसनाथ पहाड़ी की तराई वाले इलाके में होती है. लेकिन रामदयाल महतो के सरेंडर करने के बाद गिरिडीह जिले में संगठन को तगड़ा झटका लगा है.

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