बोकारो: DC विजया जाधव के आवास में चोरी, 95 हजार नकद और लाखों के गहने गायब

बोकारो, 22 फरवरी 2025 – झारखंड के बोकारो जिले में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि अब प्रशासनिक अधिकारियों के घर भी सुरक्षित नहीं रहे। जिले की उपायुक्त (DC) विजया जाधव के सरकारी आवास में चोरी की बड़ी वारदात सामने आई है। चोरों ने 95,000 रुपये नकद, हीरा जड़ित अंगूठी, कान का सेट, सोने की चेन, महंगी साड़ियाँ और अन्य कीमती सामान पर हाथ साफ कर दिया।

कैसे हुआ चोरी का खुलासा?

घटना के दिन उपायुक्त विजया जाधव किसी सरकारी कार्य से बोकारो से बाहर थीं। जब वह लौटीं, तो चोरी की यह वारदात सामने आई। बताया जा रहा है कि चोरों ने बेहद चालाकी से आवास की सफाई के दौरान इस घटना को अंजाम दिया।

सफाई के दौरान हुई वारदात, दो सफाईकर्मियों पर शक

उपायुक्त आवास की सुरक्षा के लिए वहां तीन महिला होमगार्ड – सोनी देवी, मंजू देवी और गोपा देवी तैनात थीं। इसके अलावा, सफाई कार्य के लिए संविदा आधारित दो महिला सफाईकर्मियों – पारो देवी और अंबिका कुमारी की नियुक्ति थी। प्रारंभिक जांच में यह आशंका जताई जा रही है कि उपायुक्त की गैरहाजिरी में सफाई के दौरान चोरी की गई।

महिला सफाईकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज

संदेह के आधार पर महिला होमगार्ड सोनी देवी की लिखित शिकायत पर दोनों महिला सफाईकर्मियों को संदेही मानते हुए पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

डॉग स्क्वायड और फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट की मदद से जांच जारी

शुक्रवार सुबह पुलिस ने डॉग स्क्वायड और फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट की मदद से मामले की जांच शुरू की। जांच में खुलासा हुआ कि चोरी के गहनों को चास थाना क्षेत्र के शिवपुरी स्थित महतो तालाब के गहरे पानी में छिपा दिया गया है। पुलिस की टीम गोताखोरों की मदद से चोरी गए गहनों की तलाश में जुटी हुई है।

पुलिस ने बढ़ाई सख्ती, शहर में बढ़ते अपराधों पर चिंता

बोकारो में चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। लेकिन DC आवास में हुई इस वारदात ने पुलिस प्रशासन को भी चौंका दिया है। इस घटना से आम लोगों में भी भय और असुरक्षा की भावना बढ़ गई है। पुलिस ने अब सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है और अपराधियों की धरपकड़ के लिए अभियान तेज कर दिया गया है।

जनता में बढ़ा डर, प्रशासन पर उठे सवाल

उपायुक्त आवास जैसी हाई-सिक्योरिटी जगह पर चोरी होने से आम जनता के मन में कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल उठने लगे हैं। लोग अब पूछ रहे हैं कि जब जिले की सबसे वरिष्ठ अधिकारी का घर सुरक्षित नहीं है, तो आम जनता की सुरक्षा की क्या गारंटी है?

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